Biometric Attendance System Se Kyon Ghabara Rahe Shikshak

बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से क्यों घबरा रहे शिक्षक – Biometric Attendance System se kyon Ghabara rahe Shikshak

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बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से क्यों घबरा रहे शिक्षक?

Biometric Attendance System se kyon ghabara rahe Shikshak – बायोमेट्रिक शिक्षकों को यह क्या कठिनाइयाँ अटेंडेंस सिस्टम से घबरा रहे शिक्षक? बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से क्यों घबरा रहे शिक्षक? इन सभी सवालों का

अध्यापकों ने ऑनलाइन उपस्थिति कराने का पुरजोर किया विरोध

प्रदेश सरकार द्वारा अध्यापकों के ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के पुरजोर विरोध में बीटीआरओटीयू फेडरेशन पर प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में इस कॉलोनी के अभियान चलाया गया। बैठक में सभी शिक्षकों एक स्वर में सरकार की इस दमनकारी नीति के विरोध में हस्ताक्षर किए और जिला अध्यक्ष व मंडल मंत्री को सौंपा गया। ज्ञापन में गरिमामयी उपस्थिति की बात जिला अध्यक्ष व मंडल मंत्री को प्रमुखता से सौंपा गया। यदि हमारी मांग मान नहीं लेता तब तक हम किसी भी तरह से डिजिटल हाजिरी नहीं लगाएंगे। प्रदेश सरकार के शिक्षकों का आह्वान किया गया कि 23 तारीख को अधिक से अधिक संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचकर इस आंदोलन का समर्थन प्रदान करें। बैठक को संबोधित करते हुए संघ के जिला अध्यक्ष ने कहा कि 18 वर्षों में ये पहली बार है कि सरकार की किसी नीति के विरोध में शिक्षकों ने आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक हम सभी शिक्षक एकजुट रहेंगे और अपनी समस्याओं को प्रमुखता से उठाते रहेंगे। जिला मंत्री व जिला प्रवक्ता ने कहा कि जब तक शासन की यह दमनकारी नीति वापस नहीं होती है तब तक हम अध्यापक संघर्ष करते रहेंगे। बैठक में प्रमुख रूप से सभी संगठन के सदस्य उपस्थिति थे। Biometric attendance system se kyon ghabara rahe shikshak

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को 08 जुलाई से उपस्थिति बनाने होंगे। 18 जून को जारी आदेश में 15 जुलाई से डिजिटल उपस्थिति पंजिका पर हाजिरी बनाने के निर्देश दिये गये हैं। नए आदेश का 18 जून को जारी निर्देशों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने आदेश दिया है।

बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से क्यों घबरा रहे शिक्षक?

उतर प्रदेश बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से क्यों घबरा रहे शिक्षक ? इससे साफ जाहिर हो रहा कि शिक्षक सही ढंग से अपना काम नहीं करते हैं । इस मशीन को बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम कहते हैं । ग्रामीण अंचलों के लोगों ने सरकार के बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की सराहना की है। जबकि देखा जाए तो तमाम सरकारी विभागों सहित प्राइवेट सेक्टर के सभी छोटी बड़ी कम्पनियों में इसी के माध् यम से अटेंडेंस लगती है। तमाम न्यूज चौनल्स में भी बड़े से बड़ा तुर्रम खा पत्रकार, एंकर भी इसी के माध्यम से हाजिरी लगाते हैं। क्या वह काम नहीं करते उनके ऊपर काम का डिप्रेशन नहीं रहता। ऑफिस आने पर, शाम को छुट्टी होने पर, यहां तक कि दिन में लंच के लिए, पान, बीड़ी, सुट्टा लगाने के लिए ऑफिस से बाहर जाने पर भी इसमें उंगली लगानी पड़ती है। वहां किसी को कोई दिक्कत नहीं है।

आखिरकार उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को यह क्या कठिनाइयां हो रही की डिजिटल अटेंडेंस लगाने से क्यों कतरा रहे उत्तर प्रदेश के शिक्षक ? एक ग्रामीण में तो यहां तक बताया कि शिक्षक हफ्ते हफ्ते तक नहीं आते किसी किसी विद्यालय में शिक्षामित्र के सहारे विद्यालय चलता है। Biometric attendance system se kyon ghabara rahe shikshak

फिर भी इन अध्यापकों को ऑनलाइन हाजिरी से क्या गुरेज है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मास्टर साहब लोग कह रहे हैं, कि वो लोग बहुत मेहनत करते हैं। क्या प्राइवेट कंपनियों में उच्च डिग्री प्राप्त कर 20 से 30 हजार में लोग काम नहीं कर रहे हैं? मेहनत नहीं कर रहे हैं । शिक्षकों को तो खुश होना चाहिए कि जो सुचारू रूप से कार्य नहीं करने वाले हैं वह अपने आदत में सुधार लायेगें । समय से विद्यालय जाकर बच्चों को उच्च शिक्षा देंगे। शिक्षक कह रहे हैं कि डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाएंगे, इससे डिसप्रेशन हो जाता है। किस बात का डिप्रेशन सरकार आप को पैसा दे रही है बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए । Biometric attendance system se kyon ghabara rahe shikshak

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